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11:24:00 pm
ऐ रुपया ! तू मित्र है या शत्रु  -मनोज कुमार  कभी किसी को खुशी से भरता, और किसी को कुछ नहीं करता, किसी की आँखों में दे शूल, ऐ रु...
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प्रेम की आवाज

12:09:00 pm
प्रेम की आवाज -ओंम प्रकाश नौटियाल गीतिका प्रेम की आ्वाज अब जमाने में तूतरी सी ज्यों नक्कारखाने में ढह गए अरमान सुकून चैन के अब...
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बसंत

12:08:00 pm
बसंत - ओंम प्रकाश नौटियाल सर्दी ऐसी जम गई , नदी , श्रृंग , घर , घाट दूरी पर कुछ दिवस की , वसंत जोहे बाट दिन थे वह त्रासद भरे , रु...
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