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अनवरत प्रेम गंगा... कलकल बहती अनवरत प्रवाहित होती आत्मा से मन कि ऒर.. प्रेम गंगा। आत्मा के उच्च शिखरों पर हिमखंडों से द्रवित आँखों ...
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