प्रेम दिवस -चंद दोहे -ओंम प्रकाश नौटियाल OM11:54:00 am प्रेम दिवस के पर्व में , प्रेम बिका बाजार महँगी जितनी भेंट है, छिछला उतना प्यार - प्रेम गली जब तंग थी , गया वक्त वह बीत अब है ... 0 Comments Read
टुकड़ा टुकड़ा सत्य OM4:34:00 pm आजकल सत्य की थाह के लिये, आवश्यक है महारथ हो चित्र खंड़ पहेली हल करने में, क्योंकि सत्य नहीं मिलता अब एक मुश्त कहीं , बिखरा होता ह... 0 Comments Read