विभोम स्वर का जनवरी-मार्च 2017 अंक
मित्रों, संरक्षक तथा प्रमुख संपादक सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra एवं संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeer के संपादन में विभोम स्वर का जनवरी-मार्च 2017 अंक अब ऑनलाइन उपलब्ध है। इस अंक में शामिल है :- संपादकीय। मित्रनामा। साक्षात्कार- उषा प्रियंवदा Usha Priyamvada से सुधा ओम ढींगरा की बातचीत। कहानियाँ - पुनर्जन्म प्रतिभा, छोटा-सा शीश महल अरुणा सब्बरवाल Aruna Sabharwal , वसंत लौट रहा है कविता विकास Kavita Vikas , किस ठाँव ठहरी है-डायन ? प्रेम गुप्ता ‘मानी’ । लघुकथाएँ- डॉ. पूरन सिंह, दीपक मशाल Dipak Mashal , गोविंद शर्मा Govind Sharma । भाषान्तर- मुस्तफा की मौत तेलुगु कहानी : अफसर Afsar Mohammed , अनुवाद : आर.शांता सुंदरी Santha Sundari । शहरों की रूह लन्दन की गलियाँ शिखा वार्ष्णेय Shikha Varshney । आलेख - प्रवासी साहित्य का स्वरूप एवं अवधारणाएँ सुबोध शर्मा Subodh Sharma । दोहे- रघुविन्द्र यादव Raghuvinder Yadav , के.पी. सक्सेना ‘दूसरे’ Kpsaxena Dusre । दृष्टिकोण- महिला लेखन की चुनौतियाँ और संभावना डॉ. अनिता कपूर Anita Kapoor । शोध-आलेख- राधा का प्रेम और अस्तित्व रेनू यादव Renu Yadav। व्यंग्य- पूर्व, अपूर्व और अभूतपूर्व सुशील सिद्धार्थ, Sushil Siddharth मुरारी लाल की नरकयात्रा अरुण अर्णव खरे Arun Arnaw Khare । उपन्यास अंश- वेणु की डायरी सूर्यबाला Suryabala Lal । ग़ज़लें- डॉ. राकेश जोशी Rakesh Joshi , अशोक मिज़ाज Ashok Mizaj , आशा शैली Asha Shailly , चन्द्रसेन विराट , प्रबुद्ध सौरभ। कविताएँ- रश्मि प्रभा Rashmi Prabha , शोभा रस्तोगी Shobha Rastogi , अनीता सक्सेना Anita Saxena , प्रो. संगम वर्मा , अमेरिका की चार युवा कवयित्रियाँ- गीता घिलोरिया Gita Ghiloria , आस्था नवल Astha Naval , विनीता तिवारी एवं दिलेर ‘आशना’ दिओल । आलोचना- सुधा अरोड़ा Sudha Arora कृत ‘यह रास्ता उसी अस्पताल को जाता है’ लघु-उपन्यासः एक विवेचन संगमेश नामन्नवर । पुस्तक समीक्षा- इस पृथ्वी की विराटता में (नरेन्द्र पुण्डरीक Narendra Pundrik ), समीक्षक : कालूलाल कुलमी Kalu Lal Kulmi , पीले रूमालों की रात (नरेन्द्र नागदेव Narendra Nagdev ) समीक्षक : मुकेश निर्विकार मुकेश निर्विकार , एक पेग ज़िन्दगी (पूनम डोगरा Poonam Dogra ) समीक्षक : घनश्याम मैथिल ‘अमृत’ Ghanshyam Maithil Amrit , शौर्य गाथाएँ (शशि पाधा Shashi Padha ) समीक्षक : गौतम राजरिशी Gautam Rajrishi। समाचार सार- कोपनहेगन विश्वविद्यालय में हिन्दी संध्या Archana Painuly । प्रताप सहगल Partap Sehgal के नाटक ‘अन्वेषक’ का मंचन। बियाबान Krishna Kant Pandya फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड। मुकेश वर्मा Mukesh Verma के कहानी संग्रह का लोकार्पण। उपन्यास अकाल में उत्सव पर चर्चा। आख़िरी पन्ना। आवरण चित्र पल्लवी त्रिवेदी Pallavi Trivedi, डिज़ायनिंग सनी गोस्वामी Sunny Goswami आपकी प्रतिक्रियाओं का संपादक मंडल को इंतज़ार रहेगा। पत्रिका का प्रिंट संस्करण भी समय पर आपके हाथों में होगा।
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