नीलोत्पल मृणाल की रचनाएँ
दालमोठ भर कटोरी रखा है सामने/ नीलोत्पल
मृणाल
रात-रात
भर जागते रहिये
टुकुर-टुकुर
ताकते रहिये
दालमोठ
भर कटोरी रखा है सामने
हल्का-हल्का
फांकते रहिये
आपसे
न किसी का सुख बाँटा जाएगा
ना
ही आपसे किसी का दुःख बाँटा जाएगा
आप
खिलाड़ी हैं बस तास बाँटते रहिये
दालमोठ
भर कटोरी ..........................
सबको
देने वाले सुलतान की
बेबसी
तो जरा देखिये
सबसे
बढ़ा के हाथ
खैनी
मांगते रहिये
दालमोठ
भर कटोरी..............
किसी
बहाने तो आये
आपकी
आँख में आँसू
बादशाह
चाक़ू लीजिये
प्याज
काटते रहिये
दालमोठ
भर कटोरी.......
आपसे
किसी के पेट की
ना
आग बुझाई जायेगी
आप
बस शराब में
पानी
डालते रहिये
दालमोठ
भर कटोरी.......
हाथों
में हुनर गज़ब का है
निशाना
चूकता नहीं आपका
उछल-उछल
के मच्छर मारते रहिये
दालमोठ
भर कटोरी.......
बड़े
नाजुक हैं आप
आपसे
ना दरिया में तैरा जाएगा
कूद-कूद
के नाली टापते रहिये
दालमोठ
भर कटोरी............
आपसे
फटी मुफलिसी में
किसी
पैबंद की उम्मीद नहीं
आप
बस रेशम में टांका टांकते रहिये
दालमोठ
भर कटोरी रखा है सामने
हल्का-हल्का
फांकते रहिये
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