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आइये शहर की तहज़ीब के उत्सव में शामिल हों "रंग ए सुलहकुल" 2 मार्च से 7 मार्च 2017


"रंग ए सुलहकुल"

2 मार्च से 7 मार्च 2017


सुलहकुल माने साझे विचार साझा सहिष्णुता , सदभाव और हर इंसान के सीने में एक दूसरे के इज़्ज़त, प्यार और संवेदना से भरा एक भाव, सुलहकुल माने हर उस विचार को जो इंसान को इंसान से मोहब्बत करना सिखाये उसकी पूरी सहजता के साथ जगह देना , ऐसे ही विचार की ज़मीन आगरा है, सुलहकुल मूल रूप से सबसे पहले अकबर के सम्प्रदाय सद्भाव के विचार के रूप में देखने को मिलता है, आगरा की साझी सांस्कृतिक विरासत ने इसको शक्ल दी, यहाँ के गंगा-जमुनी संस्कृति ने इसको जीवंत रूप में जिया। आज दुबारा इसको जानें समझे और अपने समाज , प्यार और आने वाली पीढ़ी को विरासत में देकर जाए ताकि ये बहुमूल्य मानवीय संवेदना इस् दुनिया को ही नहीं आगे आने वाली पीढ़ी को भी एक बेहतर मुल्क और ज़िन्दगी के ऊँचे मैयार दे सके। 

इसलिए अपनी तहजीबी इख्लाक के लिए फिक्रमंद लोगों ने इस साझा कार्यक्रम को करने का विनम्र प्रयास किया है जिसके कार्यक्रम आगरा के अलग अलग जगहों पर होंगे जो आगरा की विरासत का प्रतीक हैं।

2 से 7 मार्च तक चलने वाले कार्यक्रम में साहित्य, नृत्य, रंगमंच, आगरा की पच्चीकारी, कविता, शायरी और गीतों से सजा है। इसको बड़ी मेहनत से हमने, अपनी विरासत को अगली पीढ़ी के लिये सहेज कर रखने वाले लोगों ने तैयार किया है। ये पूरा प्रयास शहर के महबूब फनकार, अदब और सुखन के लिए मोहब्बत रखने वाले भाषा विद, और सांस्कृतिक योद्धा डॉ. जितेंद्र रघुवंशी को समर्पित है।

इसकी इफ्तदा 2 मार्च 2017 हिंदुस्तान की शायरी और सूफी परंपरा की एक महान शख्सियत अल्लामा मैकश अकबराबादी साहब के जन्मदिन पर होटल गोवर्धन में और समापन हम सबके प्यारे ,इंसान में खुद को देखने वाले डॉ जितेंद्र रघुवंशी जी की पुण्यतिथि पर 7 मार्च 2017 को सूरसदन बेसमेंट में होगा। 3 से 6 मार्च में जो गतिविधियां होंगी उनकी जानकारी समय समय पर यहाँ उपलब्ध रहेगी । इस कार्यक्रम में अभी तक जो लोग जुड़े है वो यादगारे आगरा , नृत्य ज्योति कत्थक संस्थान, इप्टा आगरा, रंगलीला, रंगलोक सांस्कृतिक संस्थान, बृज हैरिटेज कंजरवेशन सोसाइटी, रिवर कनेक्ट ,थिएटर फोरम, शहीद भगत सिंह स्मारक समिति, फिल्म एंड थिएटर ग्रुप ,लैगेसी आर्ट हैं ,इसका समन्वयन जनमन संवाद केंद्र कर रहा है । 

तो आइये जुड़िये इंसान को इंसान से जोड़ने वाले सुलहकुल से। उम्मीद है हम एक बेहतर दुनिया बना पाएंगे।

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