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साहेब किहे रहौ सुलतानी ।
बहुमत केर नसा है एतना जेस हाथी बौरानी ।साहेब....

तोहरेन नाते रोवत हैं सब जोसी औ अडवानी
 सौरी  औ  जसवंत  हेराने  भागे  जेठमलानी
गोविन्दजीआचार्य लुकाने छुपि गे सारे ज्ञानी
अब के तोहरे आगे बोलय सब कै मरि गै नानी।साहेब..

दल का छोड़व सारे देसवक गारि लिहेव तू पानी
अपनेन  पैसा खातिर  सबका रोजै  लैन लगानी
रुकिगा  सादी ब्याह गरीबेन कै जनता चिल्लानी
कानेम रुई डारि कै  टहरव   देसन की रजधानी ।साहेब..

जाल रचेव औ पैसा फेंकेव सब मीडिया बिकानी
धरम भूलि कै भोंपू बनि गइ  असली बात भुलानी
मंहगाई औ  करिया धन पै सब  जनता भरमानी
एक्कव  वादा पूर किहौ ना ठगी खड़ी पछतानी।साहेब..

जे बापू का  मारिन ते हैं गुरु तुम्हार हम जानी
तोहरेम दया कहाँ है बूंकौ चाहे अमरित बानी
भगल बनाये हौ नेता कै दिल मा बसैं अडानी
आगा पीछा सोचे बिन तुम चाल चलौ मस्तानी।साहेब..

साहेब  एतना  कहे  दीत है बात  एक परमानी
बड़े बड़े जेस धूरि उड़ि गये तू हौ कंहक गुमानी
एतना आंकर सासन जोतौ किहे रहौ मनमानी
जनता जागी तौ फिर कामे ऐहैंय ना अम्बानी ।साहेब

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