बाजार है दुनियाँ
यहाँ शिक्षा बिकाऊ है
यहाँ पर योग बिकता है,
औषध बेचने से पूर्व
अकसर रोग बिकता है।
किसी का कल बिकाऊ था
किसी का आज बिकता है
छुपाया यत्न से जो था
कहीं वो राज बिकता है
अभावों का जो ठुकराया
वही हर भाव बिकता है ।
खेल आरंभ से पहले
खेल का दाव बिकता है
कभी सद्भाव बिकता है,
कभी दुर्भाव बिकता है,
कभी अद्दश्य शक्ति बन
केवल प्रभाव बिकता है,
कहीं परोक्ष बिकता है
कहीं प्रत्यक्ष बिकता है,
साधन बेचने से पूर्व
कहीं पर लक्ष्य बिकता है,
कहीं पर नाज बिकता है
कहीं अन्दाज बिकता है
कहीं कलमें बिकाऊ है
‘कहीं पर साज बिकता है
बड़ा बाज़ार है दुनिया
यहाँ हर काज बिकता है
-
ओंम प्रकाश नौटियाल
(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित)
यहाँ पर योग बिकता है,
औषध बेचने से पूर्व
अकसर रोग बिकता है।
किसी का कल बिकाऊ था
किसी का आज बिकता है
छुपाया यत्न से जो था
कहीं वो राज बिकता है
अभावों का जो ठुकराया
वही हर भाव बिकता है ।
खेल आरंभ से पहले
खेल का दाव बिकता है
कभी सद्भाव बिकता है,
कभी दुर्भाव बिकता है,
कभी अद्दश्य शक्ति बन
केवल प्रभाव बिकता है,
कहीं परोक्ष बिकता है
कहीं प्रत्यक्ष बिकता है,
साधन बेचने से पूर्व
कहीं पर लक्ष्य बिकता है,
कहीं पर नाज बिकता है
कहीं अन्दाज बिकता है
कहीं कलमें बिकाऊ है
‘कहीं पर साज बिकता है
बड़ा बाज़ार है दुनिया
यहाँ हर काज बिकता है
-
ओंम प्रकाश नौटियाल
(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित)
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