अनुवाद दिवस पर विशेष- डॉ. मोहसिन खान जी की पुस्तक- 'अनुवाद का समकाल'
अनुवाद दिवस 30 सितंबर
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अनुवाद की महत्ता और आवश्यकता के तहत अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर आज अनुवाद के सम्मान में 'अन्तरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस' मनाने की घोषणा की गयी थी। यह बाइबिल का हिब्रू से लैटिन में अनुवाद करने वाले संत #जेरोम के दिन के रूप में मशहूर है। संत जेरोम को अनुवादकों का संरक्षक भी कहा जाता है। पहली बार 1991 में इण्टरनेशनल फेडरेशन ऑफ ट्रान्सलेशन (फिट) ने उनके सम्मान में 30 सितम्बर को अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। प्रो. गोइनी बैंग और फिट की लोक सम्पर्क समिति ने अनुवादकों की निष्ठा और समर्पण को याद करने के उद्देश्य से इसे शुरू किया था। इस मौके पर दुनिया भर में अनुवाद के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। अत: ये विश्व स्तर पर सिद्ध हो जाता है कि अनुवाद का समकाल अनुवाद को और भी उन्नत बनाता हुआ उसे विकास के मार्ग पर ले जाता है जहां से अनुवाद का सुनहरा भविष्य निर्धारित हो सकता है।
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पुस्तक- अनुवाद का समकाल
लेखक- डॉ. मोहसिन खान
प्रकाशक- लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद
पृष्ठ- 223
मूल्य- 500 ₹
ISBN : 978-93-86863-88-1
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