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बसंत -हाइकु गीत

छोटे थे दिन 
बसंती आगमन
हुए सयाने

बिखरी गंध
चली बयार मंद
चित्त लुभाने

नाचे रे मन
सुन अलि गुंजन
सुरीली ताने

प्रणय ताप
झेल शीत संताप
लगा सताने

पुष्पित धरा
बौराया मन लगा
गीत सुनाने

बसंती हवा
हो प्रवाहित सदा
गाओ तराने
-ओंम प्रकाश नौटियाल

(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित)

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