मित्रता दिवस
आया मित्र दिवस आज,
देने यह सौगात ,
स्नेह, प्रेम की धार के,
झर झर बहें प्रपात,
झर झर बहें प्रपात,
घॄणा औ’ द्वेष बहाएं
सुन्दर ,शुद्ध विचार,
पटल पर सुने सुनाएं,
बाँध लीजिए गाँठ
मित्र होता न पराया,
करे मित्र का ढोंग,
यदि दुख में नही आया,
-ओम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
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