देश प्रेमासव
हर कर दूषित भावना,
शुद्ध करेगा रक्त,
देश प्रेम आसव अगर,
नियमित लें हर वक्त,
नियमित लें हर वक्त,
लगें तब सारे अपने,
देश बने परिवार ,
पूर्ण हों सबके सपने,
पूरी होगी चाह ,
स्वाधीनता रहे अमर
ज्ञान ज्योत जब दीप्त,
अज्ञानता का तम हर !
-ओम प्रकाश नौटियाल
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
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