हिन्दी आधुनिकता : हिन्दी की बदलती दुनिया का जायज़ा
आज हिन्दी की दुनिया बहुत तेजी से फैल रही है। यह विचार की दुनिया से
व्यवहार की दुनिया की ओर आ रही रही है। ऐसे में हिन्दी के फैलते क्षितिज का
जायज़ा लेना हम सब की ज़िम्मेदारी है। वाणी प्रकाशन के गौरव ग्रन्थों की
शृंखला में प्रकाशित 'हिन्दी-आधुनिकता' में इसी ज़िम्मेदारी को भाँपते हुए
हिन्दी का जायज़ा लिया गया है।
यह
किताब महज़ विचारों का खज़ाना नही है, हमारे दौर का बौद्धिक रोज़नामचा भी है।
इसमें इस बात के पर्याप्त संकेत हैं कि हिन्दी के आत्मबोध में एक बदलाव
घटित हो रहा है। इसमें हिन्दी के भविष्य और भविष्य की हिन्दी के अन्वेषण के
लिए विचारों का एक जखीरा भी है।
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