सृजनलोक अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्योत्सव: आमंत्रण पत्र
आमंत्रण
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भारत विभिन्नता में एकता का परिचायक रहा है। यहाँ अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग बोलियाँ - भाषाएँ है। और उनमे प्रचुर मात्र में कथा-कहानी, गीत, लोकोक्तियाँ रची गयीं हैं। ये न सिर्फ हमारा मनोरंजन करती हैं बल्कि जीवन के विभिन्न सरोकारों से जुडी ये रचनाएँ विभिन्न स्तरों पर शिक्षित, प्रेरित और लोक चेतना को जागृत करने का भी काम करती रही हैं। लोक साहित्य के इसी महत्व को रेखांकित करने हेतु हम एक सेमिनार का आयोजन कर रहे हैं। आप सब आमंत्रित हैं।
इस विषय पर आलेख 10 जनवरी 2017 तक आमंत्रित है। आलेख ISBN नंबर वाले पुस्तक में प्रकाशित किया जायेगा।
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भारत विभिन्नता में एकता का परिचायक रहा है। यहाँ अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग बोलियाँ - भाषाएँ है। और उनमे प्रचुर मात्र में कथा-कहानी, गीत, लोकोक्तियाँ रची गयीं हैं। ये न सिर्फ हमारा मनोरंजन करती हैं बल्कि जीवन के विभिन्न सरोकारों से जुडी ये रचनाएँ विभिन्न स्तरों पर शिक्षित, प्रेरित और लोक चेतना को जागृत करने का भी काम करती रही हैं। लोक साहित्य के इसी महत्व को रेखांकित करने हेतु हम एक सेमिनार का आयोजन कर रहे हैं। आप सब आमंत्रित हैं।
इस विषय पर आलेख 10 जनवरी 2017 तक आमंत्रित है। आलेख ISBN नंबर वाले पुस्तक में प्रकाशित किया जायेगा।
- संतोष श्रेयांस (संयोजक)
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