राष्ट्रीय अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित डोगरी साहित्यकार यशपाल निर्मल से बंदना ठाकुर की बातचीत (साक्षात्कार)
यशपाल
निर्मल
डोगरी एवं हिंदी भाषा
के युवा लघुकथाकार, कथाकार, कवि, आलोचक,लेखक, अनुवादक, भाषाविद् एवं सांस्कृतिककर्मी यशपाल निर्मल का जन्म 15
अप्रैल 1977 को जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्र छंब
ज्यौडियां के गांव गड़ी बिशना में श्रीमती कांता शर्मा एवं श्री चमन लाल शर्मा के
घर पर हुआ।
आपने जम्मू
विश्वविद्यालय से डोगरी भाषा में स्नातकोतर एवं एम.फिल. की उपाधियां प्राप्त की।
आपने वर्ष 2005 में जम्मू विश्वविद्यालय से डोगरी भाषा
में स्लेट एवं वर्ष 2006 में डोगरी भाषा में यू.जी.सी. की
नेट परीक्षा उतीर्ण की । आपको डोगरी,हिन्दी,पंजाबी, उर्दू एवं अंग्रेज़ी भाषाओं का ज्ञान है। आप
कई भाषाओं में अनुवाद कार्य कर रहें है। आपने सन् 1996 में
एक प्राईवेट स्कूल टीचर के रूप में अपने व्यवसायिक जीवन की शुरुआत की। उसके उपरांत
"दैनिक जागरण", "अमर उजाला" एवं
"विदर्भ चंडिका" जैसे समाचार पत्रों के साथ बतौर संवाददाता कार्य किया।
वर्ष 2007 में आप नार्दन रीजनल लैंग्वेज सैंटर ,पंजाबी यूनिवर्सिटी कैंपस,पटियाला में डोगरी भाषा
एवं भाषा विज्ञान के शिक्षण हेतु अतिथि ब्याख्याता नियुक्त हुए और तीन वर्षों तक
अध्यापन के उपरांत दिसंबर 2009 से जम्मू कश्मीर कला,संस्कृति
एवं भाषा अकैडमी में शोध सहायक के पद पर कार्यरत हैं।
आपने लेखन की शुरुआत
वर्ष 1994 में की और सन 1995 में श्रीमद्भागवत पुराण को डोगरी
भाषा में अनूदित किया।
सन् 1996 में आपका पहला डोगरी कविता संग्रह " अनमोल जिंदड़ी" प्रकाशित
हुआ।
अब तक हिन्दी , डोगरी एवं अंग्रेजी भाषा में विभिन्न विषयों पर 25
पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। आपके अनुवाद कार्य, साहित्य
सृजन ,समाज सेवा,पत्रकारिता और
सांस्कृतिक क्षेत्रों में अतुल्निय योगदान
हेतु आपको कईं मान सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं जिनमें प्रमुख हैं:-
1. नाटक
"मियां डीडो" पर वर्ष 2014 का साहित्य अकादेमी,
नई दिल्ली का राष्ट्रीय अनुवाद पुरस्कार।
2. पत्रकारिता
भारती सम्मान(2004)
3. जम्मू
कश्मीर रत्न सम्मान (2010)
4. डुग्गर
प्रदेश युवा संगठन सम्मान (2011)
5. लीला देवी
स्मृति सम्मान(2012)
6. महाराजा
रणबीर सिंह सम्मान(2013)
आपकी चर्चित पुस्तकें हैं:-
1. अनमोल
जिंदड़ी (डोगरी कविता संग्रह, 1996)
2. पैहली गैं
( कविता संकलन संपादन,2002)
3. लोक धारा (
लोकवार्ता पर शोध कार्य,2007)
4. आओ डोगरी
सिखचै( Dogri Script, Phonetics and Vocabulary,2008)
5. बस तूं गै
तूं ऐं (डोगरी कविता संग्रह,2008)
6. डोगरी
व्याकरण(2009)
7. Dogri Phonetic
Reader(2010)
8. मियां डीडो
( अनुवाद,नाटक,2011)
9. डोगरी भाषा
ते व्याकरण(2011)
10. पिण्डी
दर्शन (हिन्दी,2012)
11. देवी पूजा
विधि विधान: समाज सांस्कृतिक अध्ययन ( अनुवाद, 2013)
12. बाहगे
आहली लकीर ( अनुवाद, संस्मरण 2014)
13. सुधीश
पचौरी ने आक्खेआ हाँ ( अनुवाद, कहानी संग्रह,2015)
14. दस लेख
(लेख संग्रह ,2015)
15. मनुखता दे
पैहरेदार लाला जगत नारायण ( अनुवाद , जीवनी,2015)
16. घड़ी (
अनुवाद, लम्बी कविता, 2015)
17. समाज-भाशाविग्यान
ते डोगरी (2015)
18. साहित्य
मंथन ( हिन्दी आलोचना, 2016)
19. डोगरी
व्याकरण ते संवाद कौशल (2016)
20. गागर (
लघुकथा संग्रह, प्रकाशनाधीन)
इसके इलावा सैंकड़ो
लेख,
कहानियां लघु कथाएं एवं कविताएँ समय समय पर राज्य एवं राष्ट्र स्तर
की पत्रिकाओं में प्रकाशित।
कई राश्टरीय स्तर की
कार्यशालाओं, संगोश्ठिओं, सम्मेलनों,
कवि गोश्ठिओं एवं साहित्यक कार्यक्रमों में भागीदारिता।
आप कई साहित्यक
पत्रिकाओं में बतौर सम्मानित संपादक कार्यरत हैं जिनमें से प्रमुख हैं:-
1. अमर सेतु
(हिन्दी)
2. डोगरी
अनुसंधान (डोगरी)
3. सोच
साधना(डोगरी)
4. परख
पड़ताल(डोगरी)
आपको कई साहित्यक एवं
सांस्कृतिक संस्थाओं ने सम्मानित किया हुआ है जिनमें प्रमुख हैं:-
1. राष्ट्रभाषा
प्रचार समिति
2. राष्ट्रीय
कवि संगम
3. डुग्गर मंच
4. डोगरी भाषा
अकैडमी
5.डोगरी कला
मंच
6. तपस्या कला
संगम
7. त्रिवेणी
कला कुंज
8. हिंद
समाचार पत्र समूह
9. जम्मू
कश्मीर अकैजमी आफ आर्ट , कल्चर एंड लैंग्वेजिज।
पता:- 524,
माता रानी दरबार, नरवाल पाईं, सतवारी, एयरपोर्ट रोड, जम्मू-180003.
मोबाइल- 9086118736
Email- yash.dogri@gmail.com
हार्दिक धन्यवाद
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