"विभोम स्वर" का अक्टूबर-दिसम्बर 2017 (वर्ष : 2, अंक : 7) ऑनलाइन उपलब्ध
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मित्रों, संरक्षक तथा प्रमुख संपादक सुधा ओम ढींगरा Sudha Om Dhingra एवं संपादक पंकज सुबीर Pankaj Subeer के संपादन में वैश्विक हिन्दी चिंतन की त्रैमासिक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका "विभोम स्वर" का अक्टूबर-दिसम्बर 2017 (वर्ष : 2, अंक : 7) अंक अब ऑनलाइन उपलब्धअ है। इस अंक में शामिल है संपादकीय 3, मित्रनामा 5, साक्षात्कार- अनिल शर्मा Anil Sharma , सुधा ओम ढींगरा की बातचीत। कहानियाँ- उसका मरना (अनिल प्रभा कुमार ), तारो बीबी- (डॉ. ऋतु भनोट Ritu Bhanot ), और गुड्डो भाग गई....! ( वंदना अवस्थी दुबे ), पेशावर वाली माँ (पारुल सिंह Parul Singh )। लघुकथाएँ- परतें (शशि पाधा Shashi Padha), जन-गण-मन (विजयानंद विजय )। भाषांतर- राक्षस गीत (मूल तेलुगु कहानी : अनिल एस. रॉयल, अनुवाद : आर.शांता सुंदरी Santha Sundari ), पुल पर बैठा बूढ़ा (मूल अमेरिकी कहानी : अर्नेस्ट हेमिंग्वे, अनुवाद : सुशांत सुप्रिय Sushant Supriye )। व्यंग्य- जो न करे ख़ुदाई, वह करे चतुराई (डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल Giriraj Sharan Agrawal ), विलायती राम पांडेय और शुगर का झमेला (लालित्य ललित Lalitya Lalit ), टाइम सरेंडर्स ऐट द बैरेल और झूठ (दिलीप तेतरवे Dilip Tetarbe ), एकलव्य कुमार की सच्ची कथा (कमलेश पाण्डेय Kamlesh Pandey )। आलेख- हिन्दी साहित्य का बाज़ारकाल (भरत प्रसाद Bharat Prasad)। शोध आलेख- समकालीन हिन्दी कहानी में महानगरीय नारी जीवन (मेरी रिया डी .काउथ), वैश्वीकरण और भारतीय स्त्रीः विभ्रम और यथार्थ (अपरूपा पंडित ), अमेरिका में रचित ‘प्रवासी हिन्दी साहित्य’ का विकास (डॉ. नवनीत कौर)। दोहे- रघुविन्द्र यादव । ग़ज़लें- भावना कुमारी, अनिरुद्ध सिन्हा। कविताएँ- अर्चना गौतम ‘मीरा , सुधा गोयल, बेनू सतीश कान्त, श्रीपर्णा तरफदार, सुधीर कुमार सोनी, ओम नागर, अनुराधा सिंह, अनीता शर्मा (सखी)। समाचार सार- फ़ेक एनकाउंटर का लोकार्पण, जलतरंग पर आधारित नाटक मंचन, बैंक ऑफ़ बड़ौदा का ‘महाराजा सयाजीराव भाषा सम्मान’ श्री शैलेष लोढ़ा को, सुनील गज्जाणी को साहित्य सम्मान, गुरुग्राम हरियाणा में व्यंग्य संगोष्ठी, काव्य गोष्ठी एवं साहित्य-परिचर्चा, डॉ. प्रेम जनमेजय सम्मानित, ‘भ्रष्टाचार के सैनिक’ पर चर्चा, ‘जयनंदनःव्यक्तित्व एवं कृतित्व’ का विमोचन, विश्व मैत्री मंच का सम्मेलन, श्री विज्ञान व्रत सम्मानित, कैलाश मंडलेकर को सम्मान, सूर्यबाला सम्मानित, कवि अशोक अंजुम सम्मानित, लालित्य ललित की काव्य पुस्तकें लोकार्पित, ओमप्रकाश प्रजापति सम्मानित। आख़िरी पन्ना
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