विश्वहिंदीजन चैनल को सबस्क्राइब करें और यूजीसी केयर जर्नल, शोध, साहित्य इत्यादि जानकारी पाएँ

अंतस भरे प्रकाश

सघन अमावस रात में 

रच डाला इतिहास

वन से लौटे राम श्री

पूरा कर  बनवास 

-

Also read :माँ

धरती की अनुपम छटा

दीप माल हर ओर

टिम टिम तारे दमक कर

प्रकटें हर्षोल्लास

-

स्वागत समारोह मध्य

चाँद हुआ श्री हीन

प्रभा गय़ी उधार की

छुपता फिरा उदास 

-

माटी का दीपक जला

श्रद्धा से निर्विघ्न

काया अपनी हवन कर

अंतस भरे प्रकाश

-ओंम प्रकाश नौटियाल

(पूर्व प्रकाशित-सर्वाधिकार सुरक्षित)

बडौदा ,मोबा. 9427345810

https://www.amazon.in/s?k=om+prakash+nautiyal


कोई टिप्पणी नहीं:

सामग्री के संदर्भ में अपने विचार लिखें-