समाज का दर्पण !
कुछ तिकड़मी ,चाटुकार
चैनल औ’ पत्रकार,
तथाकथित साहित्यकार,
किसी की भी हो सरकार
पाते हैं
पदक, पुरस्कार ,
समाज का दर्पण
सत्ता को बतलाकर नहीं,
उलट इसके
समाज को सतत
सरकारी आईना दिखाकर
उसकी झूठी चमक से
भरमाकर !!
-ओम प्रकाश नौटियाल
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
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