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हिन्दी दिवस -चंद दोहे

भाषा कोई सीखिए, 
बढा लीजिए ज्ञान,
निज भाषा ही आपको,
देगी पर पहचान, 

हिन्दी हिन्दी में कहे, 
एक पते की बात,
निज भाषा में हैं लिखे, 
अंतस के जज्बात ,
-
जिस भाषा में सोचते,  
उसमें हो संवाद,
तभी आपकी सोच का, 
हो सच्चा अनुवाद,

पखवाड़े भर जश्न है, 
फिर लम्बा बनवास,
भारत में अब तक यही , 
हिन्दी का इतिहास,
-
पखवाड़ा फिर आ गया, 
हिन्दी हुई उदास
शेष वर्ष तो यह मुझे, 
दें न फटकने पास !!
-ओम प्रकाश नौटियाल
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
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