आने वाले वर्ष से !
आने वाले वर्ष सुनो जी
धरो बात यह ध्यान,
रहे समय गठरी का पल पल
सुंदर, नेक, सुजान !
-1-
तुमसे पहले जो भूल हुई
उसका अवश्य हो समाधान,
व्यवधान न हो जनजीवन में
पल चुनते वक्त लें संज्ञान,
हर माह पिटारा हो सुख का
दुःख का न हो भान !
-2-
मँहगाई बढ़ कर ताड़ तुल्य
धनवान निरंतर होती है,
रोक अविलंब लगे, नहीं तो
संकट में जान डुबोती है,
है समय सीमित , जन जन रहे
कष्टों से अनजान !
-3-
विषाणु न किसी भी रोग का
कहीं घुसे समय परिधान में,
सभी माह स्वस्थ, रमणीक हों
न हो दाग तुम्हारी शान में,
आइए मनोरम पल लेकर
स्वागत है श्रीमान !
रहे समय गठरी का पल पल
सुंदर, नेक, सुजान !!
-ओम प्रकाश नौटियाल
( सर्वाधिकार सुरक्षित }
https://www.amazon.in/s?k=om+prakash+nautiyal
कोई टिप्पणी नहीं:
सामग्री के संदर्भ में अपने विचार लिखें-