प्रेम धुन
हृदय वीण पर
सुना प्रेम धुन,
मन झंकॄत तुम
करते रहना,
प्रेम उफनते
निर्मल नद में,
संग संग तुम
बहते रहना !
बात नहीं यह
एक दिवस की,
प्रेम अखंडित
रहा शाश्वत,
विमल प्रेम के
लोकगीत सब,
जीवित अभी तक
यहाँ यथावत,
पुष्पित कर के
जीवन बगिया,
बस प्रेम निष्ठ
लहते रहना
मन झंकॄत तुम
करते रहना
-ओम प्रकाश नौटियाल
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