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अपना आम आदमी

वंचित का सर्वनाम
अपना आम आदमी,
विवशता का इक नाम
अपना आम आदमी,

भीड़ में गुम सा रहा 
उसका नहीं अस्तित्व,
स्वयं से भी अनजान
अपना आम आदमी,

धनवान यहाँ पर तो,
सभी नाम वाले हैं,
है जीवन भर अनाम
अपना आम आदमी,

रोटी की खोज हेतु
मारा फिरे हर ओर,
बिक जाए बिना दाम
अपना आम आदमी ,

रहता है सदा व्यस्त
वह काम खोजने में,
कहने को है बेकाम
अपना आम आदमी,

समझा सभी ने हेय
उपेक्षित रहा सदैव,
चुनाव की किंतु जान
अपना आम आदमी !!
-ओम प्रकाश नौटियाल
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
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