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दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी- विषय:प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति का साहित्य : एक पुनर्मूल्यांकन- तिथि: 06-07 मार्च 2025

दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी
हिंदी विभाग, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय, रांची

विषय:प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति का साहित्य : एक पुनर्मूल्यांकन

तिथि: 06-07 मार्च 2025


📝 शोध आलेख आमंत्रण

🔹 शोध सारांश भेजने की अंतिम तिथि: 20 फरवरी 2025
🔹 शोध सारांश स्वीकृति की तिथि: 25 फरवरी 2025
🔹 पंजीकरण की अंतिम तिथि: 01 मार्च 2025
🔹 शोध आलेख भेजने की अंतिम तिथि: 01 मार्च 2025

📩 शोध सारांश और आलेख भेजें:

✉️ Email: intseminarcujhindi2025@gmail.com
📖 चयनित शोध आलेख पुस्तक के रूप में प्रकाशित किए जाएंगे।

🖊 पंजीकरण शुल्क:

🎓 विद्यार्थी: ₹250/-
📖 शोधार्थी: ₹500/-
👩‍🏫 प्राध्यापक: ₹1000/-

🔗 ऑनलाइन पंजीकरण करें: https://forms.gle/az7Vb1buUEKfjqDB8


💳 शुल्क जमा करने हेतु विवरण:

🏦 Bank: Punjab National Bank, Brambe
💰 A/C No.: 7277002100000701
🔹 IFSC Code: PUNB0727700

दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी



📌 विचार बिंदु:

✅ भारतीय साहित्य की अवधारणा: फ़कीर मोहन सेनापति और प्रेमचंद
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के परिवेश का साहित्य पर प्रभाव
✅ मूल्य-दृष्टि के आईने में प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति का साहित्य
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के साहित्य में किसान
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के साहित्य में भारतीय संस्कृति
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के कथा-साहित्य में चित्रित समस्याएं और समाधान
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के कथा-साहित्य में नारी सशक्तिकरण
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के पात्रों के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की संभावना
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति की कहानियों में सामजिक यथार्थ और संवेदना
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति की कहानियों में भारतीय संस्कृति
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति की कहानियों में व्यक्त जीवन-दर्शन एवं मानव मूल्य
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के उपन्यासों में व्यक्त सामाजिक चिंतन
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के उपन्यासों के पात्रों के जीवन-दर्शन
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के उपन्यासों का पुनर्मूल्यांकन
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के उपन्यासों में समाज के बदलते रूप
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के उपन्यासों में युगीन चेतना : पुनर्मूल्यांकन
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के कथा-दृष्टि की प्रासंगिकता
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के साहित्य का लोकतात्त्विक अध्ययन
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के अनुदित साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के कथा-साहित्य में व्यंग्य
✅ भारतीय नवजागरण के सन्दर्भ में प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति का साहित्य
✅ आदर्श और यथार्थ के आलोक में प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति का साहित्य
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के साहित्य में ग्राम-जीवन
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के साहित्य का सांस्कृतिक मूल्य
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के साहित्य में राष्ट्रीय जागरण
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के नारी पात्र एवं नारी संवेदना
✅ आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के पात्रों की प्रासंगिकता
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के कथा-साहित्य में मध्यवर्ग
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के साहित्य का समाजशास्त्रीय अध्ययन
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के साहित्य में सामंतवाद विरोधी संस्कृति
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के कथा-साहित्य में सामाजिक यथार्थ
✅ प्रेमचंद और फ़क़ीर मोहन सेनापति के साहित्य में सुधारवादी दृष्टिकोण

📞 संपर्क करें:

📱 +91 9170459152 | +91 7033317838



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