जावेद उस्मानी की रचनाएं
विश्वहिंदीजन चौपाल4:50:00 pm
जाती है इक बार तो उस रूप में आती नही कभी जिंदगी को हुज़ूर अब तो , जुमला बनाईये नहीं आप की मंज़िल ख़ास है कि अवाम है धोखे में सबक...
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