विकास राय की कविताएँ
विश्वहिंदीजन चौपाल7:03:00 pm
1. बुना हुआ स्वेटर बहुत छोटा था तो माँ ने एक स्वेटर बुना आसमानी रंग का , आसमान जितने ही असीम सपने बुने माँ ने उसमें दो सला...
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