सुधीर सक्सेना की कविताएँ
विश्वहिंदीजन चौपाल9:49:00 am
1. सुन्दरी तुम समुद्र से नहाकर निकलीं और पहाड़ को तकिया बनाकर लेट गईं घास के बिछौने पर अम्लान। 2. आई बरसात...
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