वृक्षारोपण
रोपित द्रुम कर कीजिए,
धरती का शृंगार,
माता को पहनाइए ,
हरियाली के हार,
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हरियाली के हार ,
सजे वसुंधरा प्यारी
फिर हो रम्य ललाम,
अलंकृत , अनुपम ,न्यारी
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हमने किए प्रहार,
किया माता को क्रोधित,
कीजे पश्चाताप,
वृक्ष मन से कर रोपित !
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ओम प्रकाश नौटियाल
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
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