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शिक्षक दिवस

गीता में श्रीकृष्ण ने, 
वाचा अद्भुत ज्ञान ,
मर्म मानव जीवन के,
धर्म ,कर्म, अज्ञान ,

धर्म, कर्म, अज्ञान ,
सत्य सनातन यह है,
नश्वर है यह देह,
जीव पर अजर अमर है

रहे बात यह ध्यान,
जीवन गुरू बिन रीता,
गुरू बने थे ईश,
सुवाची जब थी गीता !
-ओम प्रकाश नौटियाल 
( सर्वाधिकार सुरक्षित )
https://www.amazon.in/s?k=om+prakash+nautiyal   

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