सैनिक और बाती
बाती ने होकर होम ,
हर ली तम की चीर,
सबकी राह प्रशस्त की,
भूल गई निज पीर,
भूल गई निज पीर,
त्याग सैनिक के जैसा,
हर्षित तज दे प्राण ,
देश रक्षा प्रण ऐसा
कहें ’ओम’ कविराय ,
भोर में कोयल गाती
दोनों अमर शहीद ,
वीर औ’ दीपक बाती !
-ओम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित)
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