भारत माँ कोटि प्रणाम
कण कण तीर्थ, सुखधाम
माँ कोटि कोटि प्रणाम !
-1-
जन जीवन के रंग सभी
सौरभ, सुगंध, बहार,
पाए तुम से ही माता
करुणा, क्षमा, संस्कार,
वंदनीय अभिनंदन
आराध्य तुम, अभिराम
माँ कोटि कोटि प्रणाम !
-2-
कला बोध, गीत, संगीत
प्रीत, सुर, लय, स्वरधार,
माँ मंजुल देन तुम्हारी
अपरिमित सब उपकार,
अंक तुम्हारा होगा
हर जन का मुक्तिधाम
माँ कोटि कोटि प्रणाम !
-3-
वन, झील, ताल, तरंगिणी,
महीधर सम उपहार
हरियाली से आच्छादित
सुन्दर प्रकृति सुकुमार,
शोभा मोहक अनुपम
दमकती ललित ललाम
माँ कोटि कोटि प्रणाम !
-4-
माता सेवा में रमकर
हो प्राणों का उत्सर्ग,
यह ध्येय अगर जीने का
हर पल बने फिर स्वर्ग,
हो संग माँ आशीष
चित्त निर्मल निष्काम
माँ कोटि कोटि प्रणाम !
-ओम प्रकाश नौटियाल
(सर्वाधिकार सुरक्षित )
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