हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस
करोड़ों की भाषा हिन्दी,
फल फूल रही स्वतः,
किसी पक्ष , संबल की,
नहीं मोहताज है,
जग के हर कोने में,
इसकी पहुँच अब,
बनी सकल विश्व की,
बुलंद आवाज है,
खुल जाएं कितनी भी,
अंग्रेजी शाला देश में,
मातृ भाषा ही में सोचे ,
हिन्द का समाज है,
सीखो अन्य भाषा चाहे,
देश या विदेश की हो,
सेतु सब भाषाओं की,
हिन्दी पर नाज है !!!
- ओम प्रकाश नौटियाल
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