सर्दी चढ़ी सोपान OM10:23:00 pmसर्दी चढ़ी सोपान सर्दी चढ़ी सोपान रात का वृहद वितान कैसे गुजरेगी भला, काँप काँप यह रात, शीत थपेडों से हुई, नाग पाश सी रात, मिले नहीं समाधा... 0 Comments Read
हिन्दी दिवस OM9:50:00 amहिन्दी दिवस करोड़ों की भाषा हिन्दी, फल फूल रही स्वतः, किसी पक्ष , संबल की, नहीं मोहताज है, जग के हर कोने में, इसकी पहुँच अब, बनी सकल ... 0 Comments Read
जो गमों ने पाले हैं- ओम प्रकाश नौटियाल OM8:40:00 amजो गमों ने पाले हैं जो गमों ने पाले हैं, उन्हें और गम क्या होगा, बहरों को सुनाकर तो, कभी यह कम नही होगा, थी स्याह जिनकी जिंदगी द... 0 Comments Read
दे दाता के नाम ! OM2:07:00 pmदे दाता के नाम ! सुना था पहले, दाने दाने पर लिखा होता था खाने वाले का नाम किंतु वक्त के साथ साथ सब कुछ बदल गया अब दानों के थैले पर नहीं हो... 0 Comments Read