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सर्दी चढ़ी सोपान

10:23:00 pm
सर्दी चढ़ी सोपान सर्दी चढ़ी सोपान रात का वृहद वितान  कैसे गुजरेगी भला,  काँप काँप यह रात, शीत थपेडों से हुई,  नाग पाश सी रात,  मिले नहीं समाधा...
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बंधन यह अनुराग का

10:48:00 am
महका महका पावन पावन मौसम कितना सावन सावन महावर ,घेवर झूलों का रक्षाडोर, करफूलों का       कलरव मधुर राग का बंधन यह...
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संदेश -सरहद से

9:08:00 am
"भय्या तो हैं सीमा पर, राखी कैसे भेजूँ उन्हें", बहन, इस चिंता में,  आँखें न भिगोना री,  - तेरी ममता की डोर,   बाँधे रक्खे , रहूँ क...
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सावन

8:21:00 am
फैले धानी खेतों से सुरभित सुगंध चावल की महेश्वर पूजने जाती सरगम खनके पायल की - छवि चहकी गौरैया की कब विस्मृत हो पाती है सहन सूखते दानों को ज...
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हे संक्रमण, हे संक्रमण !!

11:55:00 am
हे संक्रमण, तेरे चरण करें क्यों जग का व्युत्क्रमण प्रभु रचित अनुपम सृष्टि को यूँ धकेल कर मृत्यु शरण भर व्यग्रता अंतःकरण हे...
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कोरोना -दस दोहे

8:58:00 am
सीख सभी को दे रहा, कोविड़ का यह रोग प्रभु समझना बंद करें, इस धरती पर लोग - प्रकृति मानवी चलन से, क्रोधित हुई प्रचंड़ कोरौना को बुला कर...
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प्रवासी मजदूर

8:57:00 am
जब खत्म हुआ दाना पानी वापस घर जाने की ठानी कौड़ी थी पास नहीं पल्ले हफ्तों से बैठे  निठल्ले सुदूर गाँव , मात्र एक आस असंभव यहाँ आगे प्रव...
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सोवियत संघ के विघटन पर एक वामपंथी के मन का दर्द व्यक्त करती उस काल की कुछ कविताएं: रामकिशोर मेहता

1:50:00 pm
1 मई के अवसर सोवियत संघ के विघटन पर एक वामपंथी के मन का दर्द व्यक्त करती उस काल की कुछ कविताएं। 1 लेनिनग्राद से कार्ल मार्क्स व ...
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समकालीन कविता की विशेषता- प्रो रणजीत कुमार सिन्हा

3:45:00 am
समकालीन कविता की विशेषता                                     प्रो रणजीत कुमार सिन्हा ‘समकालीन कविता’ अपने परिवेश के प्रति ,अपने समय क...
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बजटीय सौन्दर्य

10:44:00 am
बजटीय सौन्दर्य  हे बजट मित्र !! हैरान हूं मैं तुम्हारे चमत्कार पर तुम ऐसा कर कैसे लेते हो ? सता पक्ष को दिखाई देते हो दिलकश, हसीन ...
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संजय शेफर्ड की कविताएँ

3:30:00 am
मैं जिस दुनिया का वासी हूं वहां सिर्फ तीन लोग रहते हैं एक मैं एक तुम एक और तुम हम तुम परिचित हैं एक दूसरे से वर्षों से पर यह जो एक औ...
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